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सिपाही

सिपाही was a poem written for a competition arranged by Goa College of Engineering's Art and Literature Club, 'Swatantrya'. It is dedicated to the soldiers who lost their lives in the Pulwama Attack on 14th February 2019. It is also one of my first Hindi Poems and also in Devanagiri.

सिपाही

कहा मुझसे एक देशवासी ने‌,
क्यू्ं इस बंजर जमीन पे लडते हो,
इस गरमी में तप जलते हो,
इस ब‌र्फ में यूं‌ सिकुडते हो,
खुद खाकर गोली, दूसरों को बचाते हो?

क्या फिकर नहीं तुम्हें घर की? उस आने वाले कल की?
तेरी माँ, तेरी बीवी, तेरी बच्चों पर मंडराते उस डर की?

मैं मुस्कुराकर बोला,
घर का क्या है, एक दिन तो जाना है,
जिस मिट्टी से निकला हूं, उसी में समाना है।
जान कर कुर्बान उस तिरंगे को,
उसी में लिपटकर घर जाना है।

— श्रीनिधी भट

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